Saturday, May 1, 2010

मेहनत बैचने वाले भूखे और दुखी हैं। इमान बैचने वाले मजा कर रहे हैं.

हमारी जिंदगी भी अब तारीखों और दिनों में बंट गई है। अब हमें मदर्स डे पर मां की याद आती है। मई दिवस पर मजदूरों की। आज सुबह जब मैं निकला रिपोर्टिंग के लिए। तो मैं मेहनतकशों का चौराहा देख रहा था। एक ऐसी जगह जहां पर मजदूर सुबह से ही जमा हो जाते हैं। और अपनी मेहनत को आठ घंटे के लिए बैचने आ जाते हैं। मजदूरी हर रोज मिले ही ये जरूरी नही है। घर में चूल्हा जलना इनके लिए गांरटी नहीं हैं। मैं इन मजदूरों के चेहरों को देखता रहा। इनके चेहरे हर मिनिट बुझते जाते है। और दिन चढ़ने के कुछ देर बाद ही इनके चेहरे मर जाते हैं। दिन के शुरू में इन्हें उम्मीद होती है। मजदूरी मिलने की। और सपने होते है। दो जून की रोटी के। लेकिन जैसे जैसे समय निकलता जाता है। कुछ मजदूरों को लोग अपने साथ ले जाते है। लेकिन कुछ उन्हीं चौराहों पर अपनी बारी का इंतजार करते रहते है। कई बार उनकी बारी नहीं आती। शाम ढल जाती है।
हमारी दुनिया में इतना अंतर तो नहीं था। कि जो लोग अपनी मेहनत बैचना चाहते है। वे भूखे और उदास रहे। जो अपना इमान बैचते हैं। वे मजे करते हैं। माधुरी गुप्ता हमारी सरकार में अफसर बन जाती है। देश के साथ धोखा करती है। और चांदी कांटती है। क्यों हमारे कई नेता दिन दोगुने और रात चार गुने तरक्की करते हैं। जिन से हमें उम्मीद थी कि देश के विकास की। वे अपने विकास करने में जुटे हैं। कई बार बहुत दूर तक अंधेरा दिखता है। इसी उम्मीद में शायद किसी रोज कोई महात्मा गांधी...कोई भगतसिंह.....कोई खुदीराम बोस...कोई चंद्रशेखर आजाद अपने हाथ में दिया लेकर आएगा...और हमारी इस अंधेरी गुफा में रोशनी करेगा...हमें इंतजार रहेगा। जिस दिन मेहनत के इस बाजार में कोई भी मजदूर भूखा नहीं लौटेगा। हर घर में चुल्हा जलने की गारंटी होगी।

4 comments:

  1. आपके सरोकार स्पष्ट हैं...
    वाज़िब दृष्टिकोण....

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  2. लगता नही शायद अब कोई महात्मा गाँधी और स्वामी विवेकानंद पैदा होगा, जो इस बार अपना जीवन समाज को
    स्वच्छ ब्नाने मैं देगा, आज हमारे आस पास कोई महात्मा या स्वामी यकायक पेदा होता है , तो डर लगता है कि
    कही किसी रोज इस के साथ हम कहीं क्राइम रिपोर्टर मे तो नहीं आएगे|
    आलोक भाई साहब, हम इसे जगल कह सकते हैं, लोगो के उपनाम शेर, चीता, लोमड़ी, भेड़िया, खरगोश, गाय, बकरी आदि
    होना चाहिए, क्या जगल मैं भी कोई जानवर भूखा सोता होगा?

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