मेरी एक दोस्त घर जल्दी जाना चाहतीं थी। कल संडे हैं। उन्हें आज ही ब्यूटी पार्लर जाना है। जरूरी। कल उन्हें शादी के लिए एक लड़का देखने जाना है। उनकी शादी की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। किसी रविवार वे दिखने जाती है। तो कभी लड़का देखने। शायद आपको यह बात विरोधाभासी लगी होगी। हालांकि बात सपाट है। जब लड़का उनकी मम्मी पापा को पसंद आ जाता है। और लड़के को फोटो पंसद आजाती है। तो वह उसे देखने जाती है। और जब ये किसी के माता पिता को पसंद आ जाती है। तो फिर लडका आता है। और ये दिखने जाती है। और आखरी में अकेले में बात करने का वक्त भी दिया जाता है।
मैं पेशे से रिपोर्टर हूं। सो स्वाभाविक है कई विषयों में मुझे जिज्ञासा बनी रहती है। मुझे यह कभी समझ में नहीं आया। शादी से पहले लडके लड़की आपस में क्या बात करते हैं। शायद इसकी एक वजह यह भी हो। कि मुझे अकेले में बात करने का मौका ही नहीं मिला। लिहाजा मैं यह अवसर चूक ही गया। सो अभी भी आंसता है। मुझे यह बात और भी महत्वपूर्ण लगने लगी जबसे मेंरे एक दोस्त ने ऐसे ही एक मौके की डिमांड की। जबकी वे हम सब से कम बोलते हैं। मैं पिछले दस सालों से उनसे और उनकी पत्नी से लगातार पूछतां रहता हू। कि उन्होंने अकेले में क्या बात की थी। वो कौन सी बातें हैं। वे कौन से सवाल है। और कौन से जवाब है। जिनसे व्यक्ति का जीवन तय हो जाता है। कुछ मिनिट में क्या जान लेता है कोई। कौन सी पर्ते हैं जिंदगी की जो लोग खोल लेते है। अपने तो कई ऐसे जानने वाले हैं। जिनका हमारे साथ तीस साल का संबंध है। फिर भी लगता है। कभी कभी ये अजनबी है।
मैंने अपनी सहेली से पूछ ही लिया। मुझे बताओं कि लडके अकेले में क्या बात करते हैं। उसने हंसकर कई बातें बताई। लेकिन मैं गंभीरता से घंटो सोचता रहा। लड़के अक्सर पूछते हैं। तुम जींस पहनती हो। ऊंची हील की चप्पल पहनने में दिक्कत तो नहीं होती। मैं माडर्न किस्म का लड़का हूं। सिगरेट पीता हूं। पार्टियों में शराब भी पीता हूं। तुम्हें दिक्कत तो नहीं होगी। मैं घर में मांसाहार कर सकता हूं। उसका कहना था कि सबके सामने जो जितना भोंदू दिखता हैं। वह अंदर जाकर उतनी ही विचित्र बातें करता है। हर लड़का तो स्वाभीमानी होता है। सभी को गुस्सा आता है।कालेज के समय उन्होंने काफी गुंडागर्दी की है। वे तेज गाड़ी चलाते है। उन्हें मरने से डर भी नहीं लगता। और हां एक बात और। अधिकतर पूछते हैं। कि तुम्हारा कोई boyfriend है या नहीं। हालांकि मेरी एक दोस्त थी। उसकी शादी हो गई। कुछ लोग विवेकानंद से लेकर प्रेमचंद तक की किताबों के बारे में पूछते है। लेकिन मुझे ये बातें सुनकर निराशा ही हुई। मैं सोचता था शायद लोग अपने परिवार के बारे बातें करते होगें। अपनी कमजोरियों के बारे में। लेकिन वह बताती है। कि अकेले में बात करते समय। हर लड़का अपने को सिकंदर से कम नहीं आकतां। और में समझ जाती हूं। कि यह हर मोर्चे पर हारा हुआ आदमी है।
मुझे तो यह मौका मिला नहीं। क्या आपको यह मौका मिला था। सच सच बताइएगा । क्या क्या बातें की थी आपने। क्या उन बातों का कोई मतलब निकला था। क्या पूछा था आपने। क्या बताया था आपने। हमें भी सुनना है।
चलिए, मुझे कुछ लिस्ट मिल गई.. भविष्य में काम आएगी.. :P
ReplyDeleteचलो पीडी को लिस्ट तो पकड़ा ही दी। वैसे ऐसी सलाहें शायद नेट पर मिल जाएँ कि क्या पूछना चाहिए और क्या नहीं। हम ने तो अपनी श्रीमती की शक्ल शादी के बाद दिए की रोशनी में पहली बार देखी थी।
ReplyDeleteभई अभी सच बोलने का टाइम नहीं आया.....कई बाते हैं नहीं बताउंगा..हीहीहीहीही...
ReplyDeleteमेरे नए ब्लोग पर मेरी नई कविता शरीर के उभार पर तेरी आंख http://pulkitpalak.blogspot.com/2010/05/blog-post_30.html और पोस्ट पर दीजिए सर, अपनी प्रतिक्रिया।
ReplyDeleteहमें ऐसा मौका नहीं आया..पहले से जानते थे एक दूसरे को बहुत ज्यादा! :)
ReplyDeleteहमारे यहाँ भी इधर रिश्ता हुआ,उधर लड़की के पास मोबाइल पहुँच जाता है...फिर वही देखते है जो आपने बताया!पता नही क्या बातें है?शादी के बाद तो किसी को बातें करते नही देखा....आपने सच में कईयों के दिल की बात लिख दी...
ReplyDeleteजब हमे यह मोका मिला तो हम दोनो ही घबराये हुये थे, इस लिये ही ही ही के सिवा कोई बात नही हुयी... है ना हम दोनो बुद्धु:)
ReplyDeleteग़ज़ब की शानदार पोस्ट....
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