Saturday, April 17, 2010

हर किसी से पीछे होते हम

क्या आपको भी जिंदगी में कभी कभी लगता है....कि आप पीछे छूटते जा रहे हैं..और दुनिया तेजी से आपको हाशिए पर धकेलती हुई आगे निकलती जा रही है....ये बात और भी उलझाती है...जब हम सोचते हैं कि हमें पछाड़ कौन रहा है....वे कौन लोग है जिन्हें देखकर हमें लगता है कि हम पीछे होते जा रहे हैं... या फिर हर तेज भागते हुए आदमी से हम डरे हुए हैं... हर आगे निकलते हुए आदमी से अपने को हम खतरा महशूस करते हैं....शायद यह मानसिकता उन लोगों के साथ ज्यादा काम करती है...जिनके पास जीवन में कोई लक्ष्य ही नहीं होता...लिहाजा ये पता ही नहीं है कि हमें जाना कहां है...और किस गति से जाना है...लिहाजा हर तेज भागते हुए आदमी से हम अपने को हारा हुआ महशूस करने लगते है....और यहीं से हमारा आत्मविश्ववास भी कम होने लगता है...ये परेशानी शायद पीछे होने की नहीं...लक्ष्यहीनता की है...और हम जैसे लोग जो एक बेहोश जिंदगी जीते हैं...जिनके सामने न कोई मंजिल होती है...और न जीवन में गति लिहाजा हर तेज चलता हुआ आदमी हमें पीछे करता हुआ चलता है....मुझे लगता है हर व्यक्ति के जीवन में भले छोटा ही क्यों न हो लेकिन लक्ष्य होना चाहिए...जिसे हासिल करने के लिए वह अपने जीवन को गति मान रख सकें..

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