Monday, April 18, 2016

जीवन में लगातार काम करते रहना भी सफलता का एक रास्ता है।

कल आधी रात को फोन बजा। घबराकर उठा। नंबर विचित्र सा था। सो राहत मिली। कोई मुसीबत में अपना वाला नहीं है। फिर दुविधा थी। उठाऊ की नहीं। फिर सोचा और उठा लिया। परदेश से दोस्त का फोन था। वे समय के हिसाब-किताब में कुछ गड़बडा गए। और फोन कर लिया। कुछ देर बार नार्मल हुआ। फिर बातचीत शुरू हई। उसने एक अच्छी कहानी सुनाई। बताया जब वह लंदन में एमबीए कर रहा था। तो उसे सुनाई गई थी। एक कारीगर था। मकान बनाने में उसे महारथ हासिल थी। बहुत सलीके से और बेहतरीन मकान बनाता था। सीधा-सादा और इमानदार भी था। उसने पूरी जिंदगी एक ही मालिक के पास काम करके गुजार दी। लिहाजा पूरी कंपनी में उसका सम्मान था। एक दिन जब वह बूडा हो गया। उसे लगा अब वह थक रहा है। लिहाजा अब वो रिटायर होना चाहता है। जिन्होंने काम अपना मन लगाकर किया हो। उन्हें काम से रिटायर होने पर भी एक सतुंष्टी मिलती  है। सो वह अपने मालिक के पास गया। रिटायरमेंट की बात की। सोचकर गया था कि मालिक जिंदगी भर  की मेहनत की तारीफ करेगा। उसे कुछ तोहफा देगा। प्रंशसा में कुछ कहेगा।और फिर विदा कर देगा।पुरे सम्मान के साथ। लेकिन उल्टा हुआ। उसने कहा कि ठीक है। तुम एक आखरी मकान बना दो। एक दम शानदार। फिर तुम विदा होना। कारीगर गुस्सा हो गया।सोचा कि पूरी जिंदगी कभी छुट्टी नहीं ली। मन लगाकर काम किया। आज जब रिटायरमेंट की बात करने आया। तब भी मालिक को काम ही याद आया।  उसने गुस्से में उस मकान को आनन फानन में पूरा किया। शायद यह काम उसके जीवन का सबसे बुरा काम था। गया और गुस्से में मालिक को चाबी देकर नमस्कार किया। कहा अब तो जाएं। मालिक ने कहा रुको। उसे पूरे सम्मान के साथ बिठाया। उसकी ताऱीफ की और जो मकान की चाबियां वो लाया था। उन चाबियोंं को उसे ही वापस कर दिया। कहा यह तुम्हारी मेहनत और सादगी का इनाम है। यह मकान तुम्हारा है। वह कारीगर हैरत में था। जिंदगी ने उसके साथ मजाक किया था। लेकिन क्या करता।  चुपचाप चला गया। अखिल ने बताया कि जिंदगी में  लगातार एक ही रफ्तार से काम करते रहने का इससे बेहतर उदाहरण मैंने किसी क्लास में नहीं सुना।
मेरी जिंदगी की  यह कमजोरी रही है।मैं कोई भी काम। पूरी मेहनत के साथ ज्यादा दिन तक नहीं कर पाया। इसी लिए शिव भैया कहते है कि तुम हर हफ्ते नया प्लान सुनाते हो। जिस बार तुम अपना पुराना प्लान ही लेकर आओगे।और कुछ उस पर अमल करना शुरू करोगे।सफलता दिखनी लगेगी। क्या आप भी मेरी तरह रास्ते और आइडिया बदलते रहते है। या एक ही रास्ते पर चलते है। चलो रास्ता नहीं बदला। कोई नया प्लान नहीं आया। तो फिर कल मिलेगें। 

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