Tuesday, June 1, 2010

मैंने बहुत कुछ खोया गुस्सा होकर। क्या आपको भी जल्दी गुस्सा आता है।

जिंदगी में स्वभाव की क्या भूमिका होती है। कहना साफ साफ मुश्किल है। लेकिन यह तय है कि स्वभाव की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका है। शायद इसीलिए जिंदगी में हम अदने आदमी बन कर रह गए। हमारा स्वभाव दुनियादारी के हिसाब से ठीक नहीं है। अपनी जिंदगी में गुस्से की वजह से हमनें बहुत कुछ खोया। जल्दी प्रतिक्रिया जता देना हमेशा ही नुक्सान दायक होता है। सही और वाजिब प्रतिक्रिया के लिए भी वक्त होता है। ये तमाम बातें हम जानते है। यह भी जानते हैं कि गुस्से में आदमी के पास विवेक नहीं होता। फिर भी इस पर कैसे काबू पाया जाए। समझ नहीं आता।
क्या आपको भी जल्दी गुस्सा आता है। क्या आपने भी जिंदगी में इस आदत की वजह से बहुत कुछ खोया है। इस पर कैसे काबू पाया जाए। हमें जरूर बताइए।

3 comments:

  1. i am two year old and i too got angry several times

    what my parents shold do to tackle this. please suggest

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  2. मुझे भी पहले गुस्सा बहुत जल्दी आता था ... फिर जैसे जैसे समझदरी आई तो गुस्सा अपने आप गायब हो गया क्योकि समझ ये आया की गुस्सा तो एक प्रकार की मानसिक बीमारी है ... गुस्सा तभी आता है जब आपके पास कोई विकल्प नहीं बचा हो.. जब विकल्प हो तो काहे का गुस्सा. वह व्यक्ति जिसे गुस्सा आता हो दिखने में तो काफी ताकतवर दिख सकता है... पर अन्दर से असल में वह होता बहुत कमजोर और लाचार है, क्योकि जिसे अपने आप पर भरोसा होगा वह गुस्सा कम करेगा.

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  3. Dear Alok ,
    Bahut dino se aapke BLOGS nahi pade the aaj bahut sare pad liye hain...bahut achchha laga.. Ek kavita jo kahi se copy ki hai pesh hai bas aapke liye...
    हो सकेगी अब गुजर लगता नहीं, और भी जीते मगर लगता नहीं... तोड़ डाली मैंने हर दीवार, अब घर के जैसा मेरा घर लगता नहीं...... हाँ.!! हक़ीक़त है, तड़प है, दर्द है, कोई आएगा इधर लगता नहीं.... मार डालीं उसने सारी चाहतें, उसको अब कोई भी डर लगता नहीं.... दोस्त अपना है सियासत का मरीज, हो दवा कुछ कारगर लगता नहीं.......

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