हम जिंदगी में कुछ चीजें नहीं खरीद सकते। इसलिए भी वे कीमती है। लेकिन प्रकृति ने इसका ध्यान रखा है। मुझे नहीं लगता कि दुनिया का कोई भी मैंनेजमेंट गुरू आपको सालों में वह सिखा सकता है। जो बुरा समय कुछ दिनों में सिखा जाता है। लेकिन शायद यह बात परमात्मा को पता थी। इसी वजह से हम सब की जिंदगी में बुरा समय आता है। समय अच्छा या बुरा नहीं होता। सिर्फ हालात हमारे हिसाब से हमें परिणाम नहीं देते। जैसे अगर हमारा रोजगार छुट जाए। परिवार को कोई सदस्य बीमार हो जाए। या ऐसी कोई भी चीज जो हमें दुख देती है। घटित हो तो हमारा बुरा समय शुरू हो जाता है। और यह जो बुरा समय है। यह आपको वह सिखा देता है जो सालों में आप नहीं सीख पाते हैं।
रहीम ने कहा है कि रहीमन विपदा हू भली जो थोरे दिन होए। हित अनहित या जगत में जान पड़त सब कोए। रहीम वैसे भी अपन को इष्ट की तरह लगते हैं। लेकिन रहीम की यह बात जहन में आत्मा की तरह उतरती है। बुरा समय अपने दोस्तों चाहने वालों के चेहरे से तमाम तरह के रंग रोगन उतार देता है। जिसे आप पूरी जिंदगी नहीं उतार सकते। खराब समय के अलावा और कोई विज्ञान ही नहीं है। जिसके चलते आप अपने आसपास रहने वाले लोगों का स्वाभाविक रुप देख सकें। और जिस आदमी में जितनी ज्यादा औपचारिकताएँ होगी वह उतना ही ज्यादा अस्वाभाविक होता है। और उसका रंग सबसे पहले उतरता है। लाओत्से तो कहता है कि इनसब औपचारकिताओं के मलवे में हमारा स्वभाव ही खो गया है। हम असहज होने के आदी हो गए है। अगर घर पर पति का अफसर आ जाए। तो उसे खाना खिलाना ही है। लेकिन अगर वह नौकरी से विदा हो गया है। तो पत्नी कह देगी। हम थक गए हैं। चाय से काम चला लो। यही उसका स्वभाव है। जो आप अफसर रहते नहीं देख पाते।
रजनीश एक जगह कहते हैं कि अगर हम चौबीस घंटे को सिर्फ सोच ले कि हमारे उपर कोई कायदा या नियम लागू नहीं है। तो हम क्या क्या करना चाहेगें। आप शायद हैरान होगें। अपने विचारों पर। आप इतना जानवराना हो सकते है। शायद आपके ख्याल में नहीं आया होगा। लेकिन हम बंधे हैं कुछ नियम कायदो से। हम कुछ और हो गए । जबकि हम हैं कुछ और। हम पड़ौसी की पत्नी को लेकर भागना चाहते हैं। लेकिन भाग नहीं सकते। लिहाजा भाभीजी को हम घऱ जैसा मानते हैं। उनकी मां की तरह इज्जत करते हैं। हम ऐसा ही जताते हैं।
चलिए। बुरा समय हम सभी देखते हैं। लेकिन अक्सर उसका फायदा नहीं उठा पाते। हम भूल जाते है। भगवान ने हमारे लिए विशेष एक्सट्रा क्लास लगाई है। जिंदगी की। इससे बहुत कुछ सीखना है। आप भी शायद कई लोगों को जानते होंगे। जिन्होंने आपके बुरे समय में अपने रंग बदले होगें। बदले थे ना।।
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